चंपावत: राष्ट्र के निर्माण के लिए 90 घंटे काम करने की बाध्यता के बजाय हमारा हर पल, कार्य व्यवहार राष्ट्र को होना चाहिए समर्पित – डॉ रंजीत मेहता।
*मेरो पहाड़*
राष्ट्रीय डिबेट में चंपावत के मूल निवासी डॉ मेहता ने बेबाकी के साथ इम्प्लॉइयों का मजबूती के साथ रखा पक्ष।
चंपावत। राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए 90 घंटे कार्य करने की संस्कृति पर चल रही राष्ट्रीय बहस पर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ऑफ़ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल एवं सीईओ डॉ रंजीत मेहता का कहना है कि प्रत्येक इम्प्लॉई से 90 घंटे प्रति सप्ताह कार्य करने की संस्कृति को अव्यावहारिक बताते हुए कहा इस प्रतिस्पर्धात्मक परिवेश में देश को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए समर्पित भाव से कार्य करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय चैनलों द्वारा आयोजित डिबेट में प्रमुख अर्थशास्त्री एवं चंपावत जिले के नौगांव रेगडू के मूल निवासी डॉ रंजीत मेहता का कहना था कि कंपनियों के सीईओ एवं अन्य अफसर भले ही 90 घंटे कार्य करते हैं, लेकिन उनके लिए वहां अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। हालांकि वह स्वयं 70 घंटे से अधिक कार्य करते आ रहे हैं, लेकिन निचले स्तर के कर्मियों की कार्य संस्कृति व परिस्थितियां भिन्न होती हैं। उनकी अपनी पारिवारिक, सामाजिक एवं अन्य ऐसी परिस्थितियां होती हैं, जिसका उन्हें निर्वहन करना पड़ता है। लगातार 90 घंटे से कार्य करने पर उनकी क्षमता व उत्साह में भारी कमी आ सकती है। किसी को 90 घंटे कार्य करने के लिए बाध्य करने के बजाय हम सब ने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए ऐसी कार्य संस्कृति विकसित करनी होगी जिसमें काम करने वालों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा हो सके।